नाचें-कूदें गलबहियां डाल।
तरह-तरह के साज बजाएं,
देशप्रेम के गीत गाएं।
झगड़ा-टंटा करे न भाई,
मन में इनके हो सच्चाई।
खेल-खेल में धूम मचाएं,
एक स्वर से गाना गाएं।
आँखों के बन जाएँ तारें,
तब तो होंगे पो वारे।
कहे ‘प्रसाद’ देखो खेल,
कैसे बढ़ता इनका मेल।