भारत माँ के लाल – तरुश्री माहेश्वरी

हम हैं भारत माँ के लाल
यूँ तो हम कहलाते बाल,
भारत की शान बढ़ाएंगे
इस पर शीश झुकाएँगे।

जो हम से टकराएगा
मुफ्त में मारा जाएगा,
कह दो इस जहाँ से
पंगा न ले हिंदुस्तान से।

कहने को हमें जोश नहीं
ये मत समझो होश नहीं,
यह देश जो हमें बुलाएगा
हर बच्चा शीश कटाएगा।

∼ तरुश्री माहेश्वरी

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One comment

  1. Tarushi Maheshwari

    It is my poem. My mother wrote this. 🙂