भारतीय सभ्यता के नाम

गाय हमारी Cow बन गई,
शर्म हया अब Wow बन गई।

काढ़ा हमारा चाय बन गया,
छोरा बेचारा Guy बन गया।

योग हमारा Yoga बन गया,
घर का जोगी Joga बन गया।

भोजन 100 रू. प्लेट बन गया,
हमारा भारत Great बन गया।

घर की दीवारें Wall बन गई,
दुकानें Shopping Mall बन गई।

गली-मोहल्ला Ward बन गया,
ऊपरवाला Lord बन गया।

माँ हमारी Mom बन गई,
छोरियां Item Bomb बन गईं।

तुलसी की जगह Money Plant ने ले ली,
चाची की जगह Auntie ने ले ली।

पिताजी Dad हो गए,
भाई तो अब Bro हो गए,
बेचारी बहन भी अब Sis हो गई।

दादी की लोरी तो अब टांय-टांय फिस्स हो गई।

टीवी की सास-बहू में भी अब सांप-नेवले का रिश्ता है,
पता नहीं एकता कपूर औरत है या फरिश्ता है।

जीती जागती माँ बच्चों के लिए Mummy हो गई,
रोटी अब अच्छी कैसे लगे मैगी जो इतनी Yummy हो गई।

गाय का आशियाना अब शहरों की सड़कों पर बचा है,
विदेशी कुत्तों ने लोगों के कन्धों पर बैठकर इतिहास रचा है।

बहुत दुखी हूँ ये सब देखकर दिल टूट रहा है,
हमारे द्वारा ही हमारी भारतीय सभ्यता का साथ छूट रहा है।

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