बिल्ली रानी है अनूठी,
चुपके से अंदर यूँ घूस जाती,
पता चलने न देती।
पैर भी उनके बजते नहीं,
दूध खीर पी जाती,
कुछ न छोड़ती,
सारा चाट कर जाती।
मौक़ा मिलते ही
बिल्ली रानी अपना पेट भर लेती,
घर वाले देखते रह जाते,
बिल्ली रानी अपना काम कर लेती,
फिर भी सबको प्यारी लगती
बिल्ली रानी।