Prasoon Joshi's Student Teacher Classroom Fun Song बम बम बोले मस्ती में डोले

बम बम बोले मस्ती में डोले: प्रसून जोशी

चका राका ची चाय चो चका लो रूम
गंदो वंदो लाका राका तुम
अक्को तकको इड्डी गिद्दी गिद्दी गो
इड्डी पी विदि पी चिकि चका चो

गीली गीली मॉल सुलू सुलू मॉल
मका नका हुकू बुकू रे
तुकु बुकू रे चका लाका
बिक्को चिक्को सिली सिली सिली गो
बगड़ दम चगद दम चिकि चका चो

देखो देखो क्या वो पेड़ है, चादर ओढ़े, या खड़ा कोई -2
बारिश है या, आसमान ने छोड़ दिए है नल खुले कहीं
हो हम देखे यह जहां वैसे ही जैसे नज़र अपनी
खुलके सोचो आओ, पंख जरा फैलाओ
रंग नए बिखराओ, चलो चलो चलो चलो नए ख्वाब बुनले
सा प्-2 ध रे-2 गा रे-2 गा माँ प् सा
बम बम बम, बम बम बम बोले
हे बुम्चिक बोले, अरे मस्ती में डोले
(बम बम बोले, मस्ती में डोले
बम बम बोले, मस्ती में तू डोल रे) -2

भला मछलियाँ भी क्यूँ उड़ती नहीं, ऐसे भी सोचो ना
सोचो सूरज रोज नहाए या, बाल भिगोके यह बुध्धू बनाए हमें
ये सारे तारे तिम तिमाये, या फिर गुस्से में कुछ बडबडाते रहे
खुलके सोचो आओ, पंख जरा फैलाओ
रंग नए बिखराओ, चलो चलो चलो चलो नए खाब बुनले
ये ये ये ये ये…..
बम बम बोले, मस्ती में डोले
बम बम बोले, मस्ती में तू डोल रे

ओ रट रटके क्यूँ टंकर फुल, टंकर फुल, टंकर फुल
आँखें बंद तो डब्बा गुल, डब्बा गुल, डब्बा गुल
ओ बंद दरवाजे खोल रे, खोल रे, खोल रे, खोल रे
ओ जा बिन्दास बोल रे, बोल, बोल, बोल, बोल रे
मैं भी हूँ, तू भी है
मैं भी, तू भी, हम सब मिलके
बुम्चिक बम – 8 बम बम बम बम…
बम बम बोले, मस्ती में डोले
बम बम बोले, मस्ती में तू डोल रे

ऐसी रंगोभारी अपनी दुनिया है क्यूँ, सोचो तो सोचो ना
प्यार से चुनके इन् रंगों को, किसीने सजाया यह संसार है
जो इतनी सुन्दर है अपनी दुनिया, उपरवाला क्या कोई कलाकार है
खुलके सोचो आओ, पंख जरा फैलाओ
रंग नए बिखराओ, चलो चलो चलो चलो नए खाब बुनले
(बम बम बोले, मस्ती में डोले
बम बम बोले, मस्ती में तू डोल रे) -4
ओ बम बम बोले

प्रसून जोशी

Music: शंकर – एहसान – लॉय, शैलेन्द्र बर्वे
Lyrics: प्रसून जोशी
Singer: शान, आमिर खान
Film: तारे ज़मीन पर (2007)
Performer: आमिर खान

Check Also

National Philosophy Day: Date, History, Wishes, Messages, Quotes

National Philosophy Day: Date, History, Wishes, Messages, Quotes

National Philosophy Day: This day encourages critical thinking, dialogue, and intellectual curiosity, addressing global challenges …