चाँद ने कुछ कहा - आनंद बक्षी

चाँद ने कुछ कहा – आनंद बक्षी

चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना…
तू भी सुन बेखबर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर
आई है चाँदनी मुझसे कहने येही…
मेरी गली मेरे घर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना
तू भी सुन बेखबर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

क्या कहू क्या पता बात क्या हो गयी
दिल्लगी ये मेरे साथ क्या हो गयी है
एक इशारा है ये,
दिल पुकारा है ये…
इससे चुरा ना नज़र प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना
तू भी सुन बेखबर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

है कौन क्या खबर कोई तो है मगर
सपनो मे है कही आता नही नज़र
मै यहा वो वहा
आ रही फिर यहा
मै यहा वो वहा
आ रही फिर यहा
आवाज़ किसकी मगर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना
तू भी सुन बेखबर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

जिसपे हम मर मिटे उसको पता भी नही
ओह हो जिसपे हम मर मिटे उसको पता भी नही
क्या गिला हम करे वो बेवफा भी नही
हमने जो सुन लिया उसने कहा भी नही
कह दे ज़रा सोच कर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

चाँद ने कुछ कहा रात ने कुछ सुना
तू भी सुन बेखबर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर
आई है चाँदनी मुझसे कहने ये ही…
मेरी गली मेरे घर प्यार कर
ओह हो हो प्यार कर

प्यार कर,
हो हो हो प्यार कर…

∼ आनंद बक्षी

चित्रपट : दिल तो पागल है (१९९७)
गीतकार : आनंद बक्षी
संगीतकार : उत्तम सिंह
गायक : लता मंगेशकर, उदित नारायण
सितारे : शाहरुख़ खान, माधुरी दीक्षित, करिश्मा कपूर

Dil To Pagal Hai (translation: The Heart Is Crazy), also known as DTPH, is a 1997 Indian musical romance film directed by Yash Chopra. The film depicts the love lives of the dancers in a musical dance troupe. It stars Shahrukh Khan Madhuri Dixit, and Karisma Kapoor in lead roles, with Akshay Kumar in a supporting role. It was Khan’s third collaboration with Yash Raj Films after Darr (1993) and Dilwale Dulhania Le Jayenge (1995). The soundtrack was composed by Uttam Singh, while the lyrics were written by Anand Bakshi.

It was the first Bollywood film to be shot in Baden-Baden and Europa Park, both German tourist attractions. Dil To Pagal Hai was a major commercial success, and garnered praise for its storyline and soundtrack. Additionally, the film won three National Film Awards and seven Filmfare Awards. The film has attained cult status over the years and is regarded as one of Chopra’s best.

About Anand Bakshi

Anand Bakshi (21 July 1930 – 30 March 2002) was a popular Indian poet and lyricist. आनंद बख़्शी यह वह नाम है जिसके बिना आज तक बनी बहुत बड़ी-बड़ी म्यूज़िकल फ़िल्मों को शायद वह सफलता न मिलती जिनको बनाने वाले आज गर्व करते हैं। आनन्द साहब चंद उन नामी चित्रपट (फ़िल्म) गीतकारों में से एक हैं जिन्होंने एक के बाद एक अनेक और लगातार साल दर साल बहुचर्चित और दिल लुभाने वाले यादगार गीत लिखे, जिनको सुनने वाले आज भी गुनगुनाते हैं, गाते हैं। जो प्रेम गीत उनकी कलम से उतरे उनके बारे में जितना कहा जाये कम है, प्यार ही ऐसा शब्द है जो उनके गीतों को परिभाषित करता है और जब उन्होंने दर्द लिखा तो सुनने वालों की आँखें छलक उठीं दिल भर आया, ऐसे गीतकार थे आनन्द बक्षी। दोस्ती पर शोले फ़िल्म में लिखा वह गीत 'यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेगे' आज तक कौन नहीं गाता-गुनगुनाता। ज़िन्दगी की तल्खियो को जब शब्द में पिरोया तो हर आदमी की ज़िन्दगी किसी न किसी सिरे से उस गीत से जुड़ गयी। गीत जितने सरल हैं उतनी ही सरलता से हर दिल में उतर जाते हैं, जैसे ख़ुशबू हवा में और चंदन पानी में घुल जाता है। मैं तो यह कहूँगा प्रेम शब्द को शहद से भी मीठा अगर महसूस करना हो तो आनन्द बक्षी साहब के गीत सुनिये। मजरूह सुल्तानपुरी के साथ-साथ एक आनन्द बक्षी ही ऐसे गीतकार हैं जिन्होने 43 वर्षों तक लगातार एक के बाद एक सुन्दर और कृतिमता (बनावट) से परे मनमोहक गीत लिखे, जब तक उनके तन में साँस का एक भी टुकड़ा बाक़ी रहा।

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