चूहा एक स्तनधारी प्राणी है। यह साधारणतः सभी देशों में विशेषकर उष्ण देशों में पाया जाता है। यह कपड़ा, सूटकेश आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है। शरीर बालों से आवृत एवं सिर, गर्दन, धड़ तथा पूँछ में विभक्त होता है। ऊपरी एवं निचली ओठ से घिरा रहता है। सिर में एक जोड़ा नेत्र, दो बाह्यकर्ण, धड़ में दो जोड़े पैर तथा स्तन होते हैं। नेत्र के ऊपर तथा किनारे में लंबे और कड़े बाल, जिन्हें मूँछ कहते हैं, ये स्पर्शेन्द्रिय का काम करते हैं।
छोटा चूहा: पूर्णिमा वर्मन
नरम नरम सा
भूरा भूरा सा।
रेशम के धागों से जैसे
बना हुआ सा।
मोती सी चमकीली आँखें
इसने मुझको काट लिया था।
शायद वह यह भूल गया था
यह भी तो
मेरे कमरे में ही
रहता है।
मेरी ही गुड़िया के कपडे
और किताबें–
जातक कथा बेताल पचीसी
और पश्चिम की लोक कथाएँ
खा खा कर यह बड़ा हुआ है
और अभी भी विश्वकोश के
शब्दकोष के पन्नों को
कुतरा करता है
इसी तरह पला करता है।
मेरी नीली साड़ी का कोना काटा है
नये ट्राउजर्स में मेरे छेद कर दिया
मेरी नारंगी चुन्नी को
काट खा गया
ना जाने किस रोज शरारे की बारी है?
जाने दो इतना छोटा है
माफ़ कर दिया।
तन का जब इतना छोटा है
कहाँ इसे होगा दिमाग
की याद रख सके
कौन कहाँ किसकी चीजें हैं।
केवल अपना पेट पालना
सीख लिया है
लेकिन यह भी क्या कम है सुन्दर लगता है।
मेरे लाल गलीचे पर
घूमा करता है।
घूम घूम कर मेरे बहुत उदास दिनों में
एकाकीपन का एहसास
हरा करता है।