चूं चूं चूं चूं म्याऊं म्याऊं – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

Little Missचूं चूं चूं चूं चूहा बोले
म्याऊं म्याऊं बिल्ली
ती ती कीरा बोले
झीं झीं झीं झीं झिल्ली
किट किट किट बिस्तुइया बोले
किर किर किर गिलहैरी
तुन तुन तुन इकतारा बोले
पी पी पी पिपहैरी
टन टन टन टन घंटी बोले
ठन ठन ठन्न रूपैया
बछड़ा देखे बां बां बोले
तेरी प्यारी गइया
ठनक ठनक कर तबला बोले
डिम डिम डिम डिम डौंडी
टेढ़ी मेढ़ी बातें बोले
बाबाजी की लौंडी

∼ अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

About Ayodhya Singh Upadhyay ‘Hariaudh’

अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ (१५ अप्रैल, १८६५ – १६ मार्च, १९४७) हिन्दी के एक सुप्रसिद्ध साहित्यकार है। यह हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति रह चुके हैं और सम्मेलन द्वारा विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किये जा चुके हैं। प्रिय प्रवास हरिऔध जी का सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है और इसे मंगलाप्रसाद पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

Check Also

Ch. Charan Singh Death Anniversary 2017 - May 29

Charan Singh Death Anniversary: 29 May – 5th Prime Minister of India

Chaudhary Charan Singh was the leader of Lok Dal and former prime minister of India …