दादा और दादी जी किसी भी परिवार का वह सदस्य होते है, जो परिवार को संभाल कर रखती है और हमेशा सभी को प्यार देती है। ‘दादा और दादी जी‘ हमेशा बच्चों से स्नेह एवम लाड दुलार करते है और उन्हें किसी भी प्रकार से दुखी नहीं कर सकते है। आज तक आपने और हमने ‘दादा और दादी‘ के ऊपर कई सारी मुख्य कविताएं पढ़ी होंगी जिनके माध्यम से हम ‘दादा-दादी‘ के प्यार को समझ सकते हैं। ‘दादा और दादी जी‘ का प्यार एक समुंदर की तरह होता है जिसमें सिवा प्यार के कुछ भी नहीं होता और यह बात हम किसी भी उस कविता से समझ सकते हैं जो Grand Parents / दादा और दादी के ऊपर आधारित हो।
दादा और दादी जी: कृतिका शर्मा की प्रेरणादायक कविता
दोनों गुस्सा करने वाले हैं,
पर प्यार भी बरसाते हैं,
ये हमारी चिता करते हैं,
और हमें सही राह दिखाते
यह रिश्ता बहुत अनमोल है,
इसे अच्छे से निभाना,
जब नहीं रहेगा यह रिश्ता,
तब पड़ेगा पछताना।
इनका प्यार है सबसे अलग,
महसूस करके देखो,
अपना प्यार दिखाने के लिए,
अब न अपने आप को रोको।
आप हमें बचाते हैं,
दूसरों को खूब डांट लगाते हैं,
उतना प्यार पिराते हैं।
आप ही हमारे आज हैं,
आप ही हमारे कल,
आप हमें छोड़कर मत जाना,
आपके बिन लगेगा जीवन निष्फल।
बस इतना ही लिख पाऊंगी,
अब आंखें हो गई हैं नम,
जब तक जीती रहूंगी,
तब तक नहीं होगा,
आपके प्रति मेरा प्यार कम।
~ ‘दादा और दादी जी‘ poem by ‘कृतिका शर्मा‘
कई बार कविताओं के माध्यम से हम ‘Grand Parents‘ के खट्टे मीठे नोकझोंक, वाक्यों के बारे में भी पढ़ते हैं जिनसे हमें खुशनुमा एहसास होता है और हम समझ सकते हैं कि परिवार में ‘Grand Parents’ का होना भी बहुत ही आवश्यक है।
इसके अलावा पुराने रीति-रिवाजों और रस्मों को भी ‘Grand Parents‘ बखूबी जानते और समझते है जिन्हें हम समय-समय पर विभिन्न किताबों में और लेखों के माध्यम से पढ़ते हैं।
Grand Parents हमें जीवन में कई महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाती है और साथ ही साथ हम ‘Grand Parents‘ संबंधित कविताओं में भी उन पाठों को पढ़ सकते हैं और उन्हें अपने जीवन में भी चरितार्थ किया जा सकता है। ‘Grand Parents‘ रुपी पाठ हमारे जीवन को आगे बढ़ाने के लिए भी कारगर मालूम पड़ता है।