दिल ले लिया है तो
इसको मत बेक़रार करना
कोई नही है इसका
इस दिल को प्यार करना
आइय…
दिल विल प्यार व्यार
मे क्या जानू रे
जानू तो जानू बस इतना
की मे तुझे अपना जानू रे
दिल विल…
तू है बुरा तो होगा
पर बातो मे तेरी रस है
जैसा भी है मुझे क्या
अपना लगे तो बस है
घर हो तेरा जिस नगरी मे
चाहे जो हो तेरा नाम रे
घर वर नाम वाम
मे क्या जानू रे
जानू तो जानू बस इतना
की मे तुझे अपना जानू रे
दिल विल प्यार व्यार…
आदत नही की सूचु
कितनो मे हसी है तू
लत मे है कितने घूंगर
नैनो मे कितना जादू
बस तू मोहे अच्छा लागे
इतने ही से मुझको काम रे
लत वाट नैन वे
मे क्या जानू रे
जानू तो जानू बस इतना
की मे तुझे अपना जानू रे
दिल विल प्यार व्यार…
कुछ जानती तो कहती
रुत बनकर के मे खिली हू
डाली सी झूमती मे
साजन से आ मिली हू
तू ही जाने रुत है कैसी
और है कितनी रंगीन शाम रे
रुत वुत शाम वाम
मे क्या जानू रे
जानू तो जानू बस इतना
की मे तुझे अपना जानू रे
दिल विल प्यार व्यार…
∼ मजरूह सुल्तानपुरी
चित्रपट : शागिर्द (१९६७)
गीतकार : मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार : लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
गायक : लता मंगेशकर
सितारे : जॉय मुख़र्जी, सायरा बानू, नाज़िर हुसैन, आई एस जौहर, मदन पूरी, ऐ. के. हंगल