मोटे-मोटे थे, छोटे-छोटे थे।
नाच रहे थे,
खेल रहे थे, कूद रहे थे।
बिल्ली ने कहा,
म्याऊँ (मैं आऊँ)।
ना मौसी ना,
हमें मार डालोगी।
फिर खा जाओगी,
हम तो नहीं आएँगे।
हम तो भाग जाएँगे।
नाच रहे थे,
खेल रहे थे, कूद रहे थे।
बिल्ली ने कहा,
म्याऊँ (मैं आऊँ)।
ना मौसी ना,
हमें मार डालोगी।
फिर खा जाओगी,
हम तो नहीं आएँगे।
हम तो भाग जाएँगे।
अनोखी दोस्त: देवांश के दादा जी और दादी जी गांव में जमीदार थे। एक दिन …