डम डम डमरू डमरू नाथः शिव – महाशिवरात्रि भजन – महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर श्रद्धालु भोलेनाथ की आराधना करते हैं और उनसे सुख-समृद्धि, शांति और आशीर्वाद की कामना करते हैं। महाशिवरात्रि का महत्व सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरण और सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है। महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत, उपवास, रुद्राभिषेक और भोलेनाथ के भजनों के माध्यम से अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं। साथ ही, महाशिवरात्रि शुभकामनाएं भेजकर अपने प्रियजनों के साथ इस पावन पर्व की खुशियां बांटते हैं। इस लेख में हम आपके लिए लाए हैं महाशिवरात्रि विशेज, ग्रीटिंग्स और शायरी, जिन्हें आप अपने दोस्तों और परिवार को भेजकर भोलेनाथ की कृपा पा सकते हैं।
डम डम डमरू डमरू नाथः शिव – महाशिवरात्रि भजन
धिमिक धिमिक धिम भोले नाथः शिव
डम डम डमरू डमरू नाथः शिव
नटन मनोहरा नटराजा शिव
हर हर बम बम भोला नाथः शिव
शम्भो शंकरा विश्वनाथः शिव
शिवाय नमः शिवा साईं नाथः शिव – २
King of Dance, Lord Shiva loves the sound of the Drum, Dam Dam Dam, Dhim, Dhim, Dhim and Bhum Bhum Bhum. Chant the name of easy-to-please Lord Shiva, Shankara, Shambho and Lord Sai Natha.
Dum Dum Damaru Damaru Nath Shiva
Dhimika Dhimika Dhim Bhole Nath Shiva
Dum Dum Damaru Damaru Nath Shiva
Natana Manohara Nataraja Shiva
Hara Hara Bhum Bhum Bhole Nath Shiva
Shambho Shankara Vishwanatha Shiva
Shivaya Namah Shiva Sai Nath Shiva
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
हर चंद्र मास का चौदहवाँ दिन अथवा अमावस्या से पूर्व का एक दिन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। एक कैलेंडर वर्श में आने वाली सभी शिवरात्रियों में से, महाशिवरात्रि, को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, जो फरवरी-मार्च माह में आती है। इस रात, ग्रह का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य भीतर ऊर्जा का प्राकृतिक रूप से ऊपर की और जाती है। यह एक ऐसा दिन है, जब प्रकृति मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद करती है। इस समय का उपयोग करने के लिए, इस परंपरा में, हम एक उत्सव मनाते हैं, जो पूरी रात चलता है। पूरी रात मनाए जाने वाले इस उत्सव में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि ऊर्जाओं के प्राकृतिक प्रवाह को उमड़ने का पूरा अवसर मिले – आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए – निरंतर जागते रहते हैं।