Holi festival coloring pages

दुनिया रंग-बिरंगी: होली के त्यौहार पर हिंदी बाल-कविता

दुनिया रंग-बिरंगी: डॉ फहीम अहमदभारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। आज भी ब्रज की होली सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। लठमार होली जो कि बरसाने की है वो भी काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएँ पुरुषों को लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं। इसी तरह मथुरा और वृंदावन में भी १५ दिनों तक होली का पर्व मनाते हैं। कुमाऊँ की गीत बैठकी होती है जिसमें शास्त्रीय संगीत की गोष्ठियाँ होती हैं। होली के कई दिनों पहले यह सब शुरू हो जाता है। हरियाणा की धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताए जाने की प्रथा प्रचलित है। विभिन्न देशों में बसे हुए प्रवासियों तथा धार्मिक संस्थाओं जैसे इस्कॉन या वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में अलग अलग तरीके से होली के शृंगार व उत्सव मनाया जाता है। जिसमें अनेक समानताएँ भी और अनेक भिन्नताएँ हैं।

होली का पर्व हिन्दुओं के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है। हर भारतवासी होली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। सभी लोग इस दिन अपने सारे गिले, शिकवे भुला कर एक दुसरे को गले लगाते हैं। होली के रंग हम सभी को आपस में जोड़ता है और रिश्तों में प्रेम और अपनत्व के रंग भरता है। हमारी भारतीय संस्कृति का सबसे ख़ूबसूरत रंग होली के त्योहार को माना जाता है। सभी त्योहारों की तरह होली के त्योहार के पीछे भी कई मान्यताएं प्रचलित है।

दुनिया रंग-बिरंगी: डॉ फहीम अहमद

नीले, पीले और गुलाबी
लाल, हरे, नारंगी,

हुई रंगों से देखो सारी
दुनिया रंग-बिरंगी।

गालों पर गुलाल की रंगत
रंग बिखेरे सूंदर,

दौड़ रहे लेकर पिचकारी
रामु, श्यामू, चंदर।

बांट रही हैं गुझिया सबको
मीठी खुशियां प्यारी,

होली की मस्ती में देखो
हँसती दुनिया सारी।

भांति-भांति के रंग भरे सब
मार रहे पिचकारी,

रंग-बिरंगे लोग लग रहे
ज्यो सूंदर फुलवारी।

~ डॉ फहीम अहमद

आपको डॉ फहीम अहमद जी की यह खूबसूरत बाल-कविता “दुनिया रंग-बिरंगी” होली के त्यौहार के बारे में कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

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