आइए सुनते हैं इनकी फरियाद
चीख-चीखकर ये भी कह रहे हैं
आखिर हम हैं कितने आजाद
पहली बारी उस मासूम लड़के की
जो भुखमरी से ग्रस्त होकर
न जाने हर रोज कितने अपराध कर ड़ालता है
दूसरी बारी उस अबला नारी की
जो आए दिन दहेज़ के लोभियों द्वारा
सरेआम दहन कर दी जाती है
तीसरी बारी उस बच्चे की
जो शिक्षा के अधिकार से वंचित
अज्ञानता के गर्त में गिरा दिया जाता है
चौथी बारी उस बुजुर्ग की
जो अपने ही घर से वंचित होकर
वृद्धा आश्रम में धकेल दिया जाता है
पाँचवीं बारी उस मजदूर की
जो ठेकेदार की तानाशाही से
ताउम्र गरीबी झेलता है
छठी बारी उस जनता की
जो नेताओं की दादागिरी के कारण
मँहगाई की मार सहती है
तो आओ, हम सब इनकी फरियाद सुनकर
एक मुहिम चलाएँ
सही मायनों में आजादी का अधिकार
इन्हें दिलाएं