प्राचीन काल से ही गंगा पवित्र नदियों में से एक मानी जाती रही है। जहां एक तरफ गंगा का हल अत्यंत पवित्र और साफ़ माना जाता है, वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी गंगा सर्वोपरि नदी है। अपनी पवित्रता के कारण हजारों वर्षों से पवित्र नदी गंगा लोगों के आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक जीवन में महत्वपूर्ण रही है।
हिंदू परंपरा में इसे देवी और मां के रूप में माना जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि गंगा का पानी बीमारियों को ठीक कर सकता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस पवित्र गंगा नदी का उद्गम कहां से होता है? आइए जानें गंगा की उत्पत्ति कहां से हुई और इसके बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।
गंगा: राम प्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’
मां गंगा का दर्शन स्नान,
रे! पुण्य मानूं मैं भगवान।
अविरल-निर्मल इसकी धार,
कितना निर्मल जल यह सारा।
कई तीर्थ इसके तट पर,
कई घाट हैं उसके पट पर
संगम पर बनी त्रिवेणी,
प्रयाग तीर्थ उत्तम श्रेणी।
हरिद्वार का कुंभ स्नान,
बढ़ाए विश्व में अपनी शान
काशी वाला सुंदर घाट
दिखाए अपना निराला ठाठ।
हर-हर गंगे भक्त उचारें,
इसके जल में डुबकी मारें।
रे, मैली कभी हो न गंगा,
विषैली कभी हो न गंगा।
गंगा सागर में मिल जाती,
दृश्य अनुपम वहां दिखाती।
नदी रूप छोड़ बनी सागर,
गुण प्रसाद करे उजागर।
~ राम प्रसाद शर्मा ‘प्रसाद’
गंगा नदी, जिसे गंगा के नाम से भी जाना जाता है, हिमालय पर्वत से 2,525 किलोमीटर (1,569 मील) उत्तरी भारत और बांग्लादेश में बंगाल की खाड़ी में बहती है। गंगा नदी हिमालय के गंगोत्री ग्लेशियर में शुरू होती है। ग्लेशियर 3,892 मीटर (12,769 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। गंगा नदी भारत और बांग्लादेश के देशों से होकर बहती है। हालांकि बंगाल क्षेत्र में इसका बड़ा डेल्टा, जिसे वह ब्रह्मपुत्र नदी के साथ साझा करता है, ज्यादातर बांग्लादेश में स्थित है। गंगा भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख नदियों में से एक है जो पूर्व से उत्तरी भारत के गंगा के मैदान से होकर बांग्लादेश में बहती है। यह नदी भारत के उत्तराखंड राज्य में पश्चिमी हिमालय में लगभग 2,510 किमी की दूरी पर है और बंगाल की खाड़ी में सुंदरबन डेल्टा में गिरती है।