गर्मी आई समस्या लाई Hindi Poem on Summers

गर्मी आई समस्या लाई Hindi Poem on Summers

गर्मी आई समस्याएं लाई
सब की चिंता बढ़ाई,
गर्म हवायें आग बरसायें
लोग पसीने में नहायें।

उल्टी-दस्त चक्कर आये
घबराहट से जान जाये,
मच्छर काटे डॉक्टर के पास जायें
डेंगू, मलेरिया का डर सताये।

पानी पी-पी के पेट भरू
खाना खाने में संकोच करुं,
कितना नहाऊं कितना पानी बहाऊं
फिर भी तुझ से छुटकारा न पाऊं।

शर्बत ठंडा राहत दिलाये
गर्मी को दूर भगाये,
खेत-खलियान सुख गये
किसान पानी को तरस गये।

सुख गई धरती, मुरझा गये पौधे
पशु-पक्षी प्यासे तड़पे
इंसान पानी को तरसे।

सूर्य देव रहम करो
वरुण देव वर्षा करो,
बरस जा बादल गरज जा बादल
सूखी हुई नदियों को भर जा बादल।

~ श्रीचंद रैकवार

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