गीली शाम – चन्द्रदेव सिंह

तुम तो गये केवल शब्दों के नाम
पलकों की अरगनी पर टांग गये शाम।
एक गीली शाम।

हिलते हवाओं में तिथियों के लेखापत्र
एक–एक कर सारे फट गये
केवल पीलपन –
पीलापन मुंडेरों पर‚
फसलें पर‚ पेड़ों पर
सूरज के और रंग
किरनों से छंट गये।
बूढ़ी ऋतुओं को हो चला है जुकाम।
तुम तो दे गये केवल शब्दों के नाम।

खिड़की ने आंगन ने‚
फूलों ने‚ फागुन ने
बार–बार पूछा –
किसमें देती उत्तर?
केचुल–से छोड़ दिये शब्दों ने अर्थ
खाली पड़े प्राणहीन अक्षर
तुम तो भाषा को भी कर गये बदनााम।
पलकों की अरगनी पर टांगी रही शाम।
एक गीली शाम।
एक गीली शाम।

∼ चन्द्रदेव सिंह

About 4to40.com

Check Also

National Nachos Day: History, Significance, Wishes & Quotes

National Nachos Day: History, Significance, Wishes & Quotes

National Nachos Day is celebrated all over the United States on November 6. The day …