Good Morning Hindi Poem सवेरा और जीवन

Good Morning Hindi Poem सवेरा और जीवन

हुआ सवेरा, हुआ सवेरा, सूरज की किरणों ने
डाल-डाल पर डाला घेरा,
हुआ सवेरा, हुआ सवेरा।

मन में उमंग, तन में तरंग,
जीवन ने फिर से लिया फेरा
हुआ सवेरा, हुआ सवेरा।

चल निकला, बागों में जीवन,
चल निकला, राहों में जीवन
हुआ सवेरा, हुआ सवेरा।

पक्षियों का जागा फिर कलखू,
मीठा-मीठा, मंद-मन मोहक
हुआ सवेरा, हुआ सवेरा।

कलियों का सुंदर पल्लवित जीवन,
सौरभ-सुगंध, मधुर मन मोहक
जागा फिर से सारा जन-जीवन।

हुआ सवेरा, हुआ सवेरा।

~ श्री मती गीता चंद्रा (हिंदी अध्यापिका) St. Gregorios School, Gregorios Nagar, Sector 11, Dwarka, New Delhi

आपको “श्री मती गीता चंद्रा” यह कविता “सवेरा और जीवन” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

National Philosophy Day: Date, History, Wishes, Messages, Quotes

National Philosophy Day: Date, History, Wishes, Messages, Quotes

National Philosophy Day: This day encourages critical thinking, dialogue, and intellectual curiosity, addressing global challenges …