गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा
मे तो गया मारा, आके यहां रे
उस पर रूप तेरा सादा
चन्द्रमा ज्यो आधा, आधा जवान रे
गोरी तेरा गाँव…
जी करता है मोर के पाव मे
पायलिया पहना दू
कुहू कुहू गाती कोयलिया को
फूलो का गहना दू
यही घर अपना बनाने को पंछी करे देखो
तिनके जमा रे, तिनके जमा रे
गोरी तेरा गाँव…
रंग बिरंगे फूल खिले है
लोग भी फूलो जैसे
आ जाये एक बार यहा जो
जायेगा फिर कैसे
जहर जहर झरते हुए झरने, मन को लगे हरने
ऐसा कहा रे, ऐसा कहा रे
गोरी तेरा गाँव…
परदेसी अनजान को ऐसे
कोई नही अपनाता
तुम लोगो से जुड़ गया जैसे
जनम जनम का नाता
अपनी धुन मे मगन डोले लोग यहां बोले
दिल की जुबान रे, दिल के जुबान रे
गोरी तेरा गाँव बड़ा…
∼ रविन्द्र जैन
चित्रपट : चितचोर (१९७६)
गीतकार : रविन्द्र जैन
संगीतकार : रविन्द्र जैन
गायक : येसुदास
सितारे : अमोल पालेकर, ज़रीना वहाब