टी. वी. पर ख़बरें भी देखी होंगी।
अपने घर में बढ़ती मेंहगाई के कारण,
बिगड़ते बजट की बात कान में पड़ी होगी।
घर से लेकर संस्थानों, सरकारों तक,
वार्षिक बजट बनाया जाता है।
होने वाली आय तथा अनुमानित खर्चे का,
संतुलन बैठाने का हिसाब लगाया जाता है।
आमदनी बढ़ाने खर्च में कटौती के,
भिन्न- भिन्न उपाय विचार-अपनाए जाते हैं।
साल भर तक बजट के अनुरूप ही सारे,
खर्च चलाए जाते हैं।
~ ओम प्रकाश बजाज
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