Hindi Poem about coming home - जब मैं घर जाती हूँ

Hindi Poem about coming home – जब मैं घर जाती हूँ

आजकल जब मैं घर जाती हूँ,
एक वासंती पवन मेरी जानिब चली आती है।

घेर लेती है मुझे अपने आगोश में,
जिन्दगी हर ओर मुस्कुराती है।

मैं महकने लगती हूँ, इक खनकती
घण्टियों सी हँसी घर को मंदिर बना देती है।

वो चमकीली आँखों वाली मेरी लाडली
मेरे जीवन की अखंड बाती है।

~ उषा रावत

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