ईद मुबारक Hindi Poem on Eid Festival – मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद होता है। रमजान का महीना खत्म होने के बाद मीठी ईद मनाई जाएगी। यह पर्व लोगों के बीच प्रेम और भाईचारे का प्रतीक रहा है और साथ ही बच्चे-बड़े ईदी पाने के लिए इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। पूरे एक महीने के रोजे रखने के बाद ईद आता है। जब ईद के चांद का दीदार पूरी दुनिया में होता है तो रोजा रखना मुकम्मल होता है। ईद इस्लाम के सबसे खास त्योहारों में से एक है। ईद-उल-फितर के त्योहार पर एक दूसरे को गले मिलकर प्यार दिया जाता है, लेकिन इससे पहले आप सोशल मीडिया मैसेज, तस्वीरों और शायरी के जरिए अपने चाहने वालों तक ईद मुबारक का पैगाम भेज सकते हैं।
ईद मुबारक Hindi Poem by केदारनाथ अग्रवाल
हमको,
तुमको,
एक-दूसरे की बाहों में
बँध जाने की
ईद मुबारक।
बँधे-बँधे,
रह एक वृंत पर,
खोल-खोल कर प्रिय पंखुरियाँ
कमल-कमल-सा
खिल जाने की,
रूप-रंग से मुसकाने की
हमको,
तुमको
ईद मुबारक।
और
जगत के
इस जीवन के
खारे पानी के सागर में
खिले कमल की नाव चलाने,
हँसी-खुशी से
तर जाने की,
हमको,
तुमको
ईद मुबारक।
और
समर के
उन शूरों को
अनुबुझ ज्वाला की आशीषें,
बाहर बिजली की आशीषें
और हमारे दिल से निकली –
सूरज, चाँद,
सितारों वाली
हमदर्दी की प्यारी प्यारी
ईद मुबारक।
हमको,
तुमको
सब को अपनी
मीठी-मीठी
ईद मुबारक।
~ ‘ईद मुबारक‘ poem by ‘केदारनाथ अग्रवाल‘
ईद मुबारक या ईद की बधाई ईद अल-अज़हा और ईद उल-फ़ित्र के त्यौहारों पर बधाई देने के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द है। यह पारंपरिक और सांस्कृतिक पद है। ईद का अर्थ है “उत्सव” और इस अवसर को संदर्भित करता है, और मुबारक का अर्थ “धन्य” है; उदाहरण के लिए, ईद की नमाज़ या प्रार्थना करने के बाद एक दुसरे को अभिनन्दन करने का तरीका। ईद अल-फ़ितर के दिन के अंत तक यह अभिवाद जारी रहता है और ईद अल-अज़हा के लिए और तीन दिन जारी रहता है। कुछ राज्य यह बधाई का आदान-प्रदान एक सांस्कृतिक परंपरा है और किसी भी धार्मिक दायित्व का हिस्सा नहीं है। हालांकि, इसका उपयोग केवल दो मुस्लिम छुट्टियों के उत्सव के दौरान किया जाता है।