भारत के त्यौहार: भारत त्यौहारों की भूमि है। भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही उत्सव और त्यौहारों की परम्परा रही हैं। इसमें विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते है और इस प्रकार यहाँ कई धार्मिक त्यौहार मनाये जाते हैं। उत्सव धर्म का एक अभिन्न अंग हैं। भारत में तीन राष्ट्रीय त्यौहार भी मनाए जाते है। उत्सव के मौसम के दौरान पूरा वातावरण खुशी और उत्साह से भरा हुआ होता है।
दक्षिण से संबंधित लोगों के अपने त्यौहार होते हैं। उत्तर के लोग कुछ अन्य त्यौहारों को महत्व देते हैं जबकि पूर्व में रहने वाले कुछ अन्य त्यौहार मनाते हैं। हालांकि, कुछ त्यौहार हैं जो पूरे देश में समान उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। ऐसे कुछ त्यौहारों में दीपावली, होली और रक्षा बंधन शामिल हैं।
समाज ने धार्मिक त्यौहारों को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। वे एकीकृत मूल्य के हैं. समाज में रहने वाले लोग त्यौहारों में निहित उद्देश्यों को जीवन में आत्मसात करते हैं।
भारत के त्यौहार: सविता दत्ता
भारत वर्ष में हम भारतीय
सम्भवतः सभी पर्व मनाते हैं।
धर्म निरपेक्षता पहचान इसकी
धरती आनन्द मग्न सदा रहती।
अनेक त्यौहार कभी कभार
माह दो माह के भीतर-भीतर
हर धर्म में मनाए जाते हैं।
कभी ईद, दिवाली इकट्ठे हुए
कभी आनन्द चौदस और
गणेश-चतुर्दशी
पोंगल और लोहड़ी हैं
कभी गुरू पर्व क्रिसमस जुड़ जाते हैं।
श्रृंखला बद्ध तरीके से जब
हम बड़े-बड़े उत्सव मनाते हैं।
फूलों की बौछार आसमाँ करते
हृदय आनन्द विभोर हो जाते हैं।
हमारी राष्टीय एकता और अखंडता
इसी सहारे जीवित है
सब धर्म यहाँ उपस्थित हैं
सब धर्म की राह दिखाते हैं
भारत वर्ष को शत-शत नमन
हम तभी भारतीय कहलाते हैं।