होली आयी रे कन्हाई: शकील बदायूंनी – मदर इण्डिया 1957 में बनी भारतीय फ़िल्म है जिसे महबूब ख़ान द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। फ़िल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में हैं। फ़िल्म महबूब ख़ान द्वारा निर्मित औरत (१९४०) का रीमेक है। यह गरीबी से पीड़ित गाँव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने की मेहनत करती है। उसकी मेहनत और लगन के बावजूद वह एक देवी-स्वरूप उदाहरण पेश करती है व भारतीय नारी की परिभाषा स्थापित करती है और फिर भी अंत में भले के लिए अपने गुण्डे बेटे को स्वयं मार देती है। वह आज़ादी के बाद के भारत को सबके सामने रखती है।
यह फ़िल्म अबतक बनी सबसे बड़ी बॉक्स ऑफिस हिट भारतीय फ़िल्मों में गिनी जाती है और अब तक की भारत की सबसे बढ़िया फ़िल्म गिनी जाती है। इसे १९५८ में तीसरी सर्वश्रेष्ठ फीचर फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाज़ा गया था। मदर इण्डिया क़िस्मत (१९४३), मुग़ल-ए-आज़म (१९६०) और शोले (१९७५) के साथ उन चुनिन्दा फ़िल्मों में आती है जिन्हें आज भी लोग देखना पसंद करते हैं और यह हिन्दी सांस्कृतिक फ़िल्मों की श्रेणी में विराजमान है। यह फ़िल्म भारत की ओर से पहली बार अकादमी पुरस्कारों के लिए भेजी गई फ़िल्म थी।
होली आयी रे कन्हाई: शकील बदायूंनी
होली आयी रे कन्हाई, होली आयी रे
होली आयी रे कन्हाई
रंग छलके सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
बरसे गुलाल रंग मोरे अंगनवा
अपने ही रंग में रंग दे मोहे सजनवा
हो देखो नाचे मोरा मनवा
तोरे कारन घर से आई हूँ निकल के
सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
छूटे ना रंग ऐसी रंग दे चुनरिया
धोबनिया धोये चाहे सारी उमरिया
हो मन को रंग देगा साँवरिया
मोहे भाये ना हरजाई रंग हलके
सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
होली घर आई तू भी आजा मुरारी
मन ही मन राधा रोये बिरहा की मारी
हो नहीं मारो पिचकारी
काहे छोड़ी रे कलाई संग चल के
सुना दे ज़रा बांसरी
होली आयी रे, आयी रे, होली आयी रे
∼ शकील बदायूंनी
चित्रपट: मदर इंडिया (1957)
गीतकार: शकील बदायूंनी
संगीतकार: नौशाद
गायक: शमशाद बेगम
सितारे: राज कुमार, नरगिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, कन्हैया लाल