होली का रंग: भारत विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों को एक साथ लेकर चलने वाला देश है। यहां हर मौसम में विविध त्यौहार आते हैं जो मिलने-मिलाने का बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। हर कुछ महीने बाद देश त्यौहारों के रंग में डूबा नजर आता है। वसंत ऋतु अपने साथ देश का सबसे रंगीन त्यौहार “होली” लेकर आता है। होली भारत का एक बेहद लोकप्रिय त्यौहार है। रंगों का त्योहार कहा जाने वाला यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
होली पूरे देश में एक समान हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है बस इसको मनाने के तरीके हर जगह अलग होते हैं। ब्रज, मथुरा और बरसाना की होलियां तो देश में ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। होली के दिन जैसे पूरा देश ही रंगो में डूब जाता है। होली एक ऐसा त्यौहार है जिसमें लोग आपसी दुश्मनी और बैर भूलकर एक हो जाते हैं। होली का रंग दुश्मनी को खत्म कर देता है।
होली का रंग: आनंद – तेज पाल सिंह
भीग गई मैं सर से जिगर तक,
होली के इस रंग में।
चेहरा रंगा है दिल भी रंग उठा,
जाने किस-किस रंग में॥
किसका-किसका रंग पड़ा है,
याद नहीं मेरे तन पर।
पर एक रंग बड़ा चटकीला,
जो है पड़ा मेरे मन पर॥
भर पिचकारी मुझ पर मारी,
सिहरन उठी अंग-अंग में।
चेहरा रंगा है दिल भी रंग उठा,
जाने किस-किस रंग में॥
कल तक तो थी बिल्कुल कोरी,
ये अपनी काया।
होली आई उनकी हो ली,
जब उनको पाया॥
देख कर ये रंगीली होली,
नाच उठी मैं उमंग में।
चेहरा रंगा है दिल भी रंग उठा,
जाने किस-किस रंग में॥