होली त्योहार है - लक्ष्मीनारायण गुप्त

होली त्योहार है: लक्ष्मीनारायण गुप्त की होली कविता

होली खुशियों और उमंगों का त्योहार है। होली के आते ही चारों तरफ खुशियों का माहौल बिखर जाता है। ये पर्व आपसी गिले-शिकवे भुलाकर गले लगने का त्योहार है। हिंदू धर्म के अनुसार होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है. प्रथम दिन होलिका का दहन किया जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसके अगले दिन रंगों का त्योहार होली मनाया जाता है। चारों तरफ अबीर गुलाल की छटा बिखरी नजर आती है। गांव से लेकर शहरों तक लोग एक दूसरे को रंग लगाकर जमकर मस्ती करते हैं।

होलिका दहन के अगले ही दिन रंगों का यह त्योहार मनाया जाता है। अब आप सोचेंगे कि रंग होली में कैसे आया। दरअसल माना जाता है कि भगवान कृष्ण रंगों से होली मनाते थे, इसलिए होली का त्योहार रंगों के रूप में लोकप्रिय हुआ। वे वृंदावन और गोकुल में अपने साथियों के साथ होली मनाते थे।

होली वसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दियां खत्म होती हैं। कुछ हिस्सों में इस त्यौहार का संबंध वसंत की फसल पकने से भी है। किसान अच्छी फसल पैदा होने की खुशी में होली मनाते हैं। होली को ‘वसंत महोत्सव’ या ‘काम महोत्सव’ भी कहते हैं।

होली त्योहार है कविता: लक्ष्मीनारायण गुप्त

होली त्योहार है जीवन और जीने का
होली त्योहार है देवाधिदेव का
भोलेनाथ है, जो उन महादेव का
भांग की मस्ती का, ठंडाई की चुस्की का
हास परिहास का, आमोद प्रमोद का

होली त्योहार है राग और रंग का
अबीर गुलाल का, मेल मिलाप का
व्यंग विनोद का

होली त्योहार है सरसों के फूलों का
चने के साग का, गेहूं की बालियों का

होली त्योहार है प्रह्लाद और विष्णु का
होलिका दहन का, हिरण्यकश्यप मर्दन का
दुष्टों के दलन और भक्तों के रक्षण का

होली त्योहार है शिव और शक्ति का
प्रियतम और प्रियतमा के मधुर मिलन का
लास का, नृत्य का, परम रहस्य का

होली त्योहार है कन्हैया और राधा का
बरसाने के रास में नाचती हुई गोपियों का

होली त्योहार है जन साधारण का
मानवों और देवों का, भूत पिशाचों का
जवानी के जोश का, मद की मदहोशी का
मोहन की मुरली का, शंकर के डमरू का
फागुन के फागों का, वसन्त बयार का
होली त्योहार है जीवन और जीने का

∼ ‘होली त्योहार है कविता’ by लक्ष्मीनारायण गुप्त

Check Also

Five Little Pumpkin Sitting On A Gate

Five Little Pumpkin Sitting On A Gate: Short Poem on Halloween

Five Little Pumpkin Sitting On A Gate: Although Halloween began as a holiday for individuals …