जब इस धरती पर राजपूत आया: राजपूतों का शौर्य गान

जब इस धरती पर राजपूत आया: राजपूतों का शौर्य गान

राजपूत भारतीय उपमहाद्वीप की बहुत ही प्रभावशाली जाति है, जो शासन और सत्ता के सदैव निकट रही है। अपनी युद्ध-कुशलता और शासन-क्षमता के कारण राजपूतों ने पर्याप्त ख्याति अर्जित की। राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है जो कि ‘राजपुत्र’ का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल में ‘राजपुताना’ भी कहा गया है।

‘Rajput’ is derivative of a Sanskrit word raj-putra which means “son of a king”. Rajput were recognized for their bravery, faithfulness and royalty. They were the warriors who fought in the battles and took care of the governing functions. The Rajput originated from western, eastern, northern India and from some parts of Pakistan. Rajput enjoyed their eminence during the 6th to 12th centuries. Until 20th century Rajput ruled in trounce majority in the princely states of Rajasthan and Surashtra.

जब इस धरती पर राजपूत आया

रात चौंधाई, दिन घबराया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

धरती भी डोली, आई सूरज पर भी छाया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

पहाडो को झुकाया, मौत को भी तड़पाया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

शौर्य को जगाया,
शौर्य को लड़ाया,
शौर्य को हराया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

दुश्मन घबराया,
दुश्मन को हराया,
दुश्मन के किले की नींव को हिलाया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

समाज को प्रकाश दिखाया,
समाज को बचाया,
समाज को न्याय दिलाया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

धरती पर एक समानता को फैलाया,
आर्यव्रत की शान को बढाया,
तलवारों के स्तंभों से प्यार का पुल बनाया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

औरत को समाज में मान दिलाया,
कमजोर भी मजबूत हालत में आया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

अग्नि को लोगो ने ठंडा पाया,
समंदर को भी लोगो ने जमता पाया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

दुश्मन की आँखों में आया डर का साया,
शेर भी उस दहाड़ से घबराया,
जब इस धरती पर राजपूत आया।

इनके क्रोध को न जगाना,
इनके धैर्य को न डगाना,
क्योंकि तब- तब प्रिलय आई है,
जब- जब इस धरती पर राजपूत आया।

Check Also

Dear Guru Nanak

Dear Guru Nanak: English Poetry for Students and Children

Dear Guru Nanak: English Poetry – Sri Guru Nanak Dev Ji was the creator of …