कछुआ जल का राजा है – राजीव कृष्ण सक्सेना

कछुआ जल का राजा है,
कितना मोटा ताजा है।

हाथ लगाओ कूदेगा,
बाहर निकालो ऊबेगा।

सबको डांट लगाएगा,
घर का काम कराएगा।

बच्चों के संग खेलेगा,
पूरी मोटी बेलेगा।

चाट पापड़ी खाएगा,
ऊंचे सुर में गाएगा।

∼ राजीव कृष्ण सक्सेना

About Rajiv Krishna Saxena

प्रो. राजीव कृष्ण सक्सेना - जन्म 24 जनवरी 1951 को दिल्ली मे। शिक्षा - दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में। एक वैज्ञानिक होने पर भी प्रोफ़ेसर सक्सेना को हिंदी सहित्य से विशेष प्रेम है। उन्होंने श्रीमद भगवतगीता का हिंदी में मात्राबद्ध पद्यानुवाद किया जो ''गीता काव्य माधुरी'' के नाम से पुस्तक महल दिल्ली के द्वारा प्रकाशित हुआ है। प्रोफ़ेसर सक्सेना की कुछ अन्य कविताएँ विभिन्न पत्रिकाओं मे छप चुकी हैं। उनकी कविताएँ लेख एवम गीता काव्य माधुरी के अंश उनके website www.geeta-kavita.com पर पढ़े जा सकते हैं।

Check Also

Maha Kumbh 2025: क्या होता है अखाड़ा और कौन से हैं भारत के प्रमुख अखाड़े

Maha Kumbh and Akhada: क्या होता है अखाड़ा और कौन से हैं भारत के प्रमुख अखाड़े

Maha Kumbh and Akhada 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में 13 जनवरी से महाकुंभ …