कौन गाता जा रहा है?
मौनता को शब्द देकर
शब्द में जीवन संजोकर
कौन बंदी भावना के
पर लगाता जा रहा है
कौन गाता जा रहा है?
घोर तम में जी रहे जो
घाव पर भी घाव लेकर
कौन मति के इन अपंगों
को चलाता जा रहा है
कौन गाता जा रहा है?
कौन बिछुड़े मन मिलाता
और उजड़े घर बसाता
संकुचित परिवार का
नाता बढ़ाता जा रहा है
कौन गाता जा रहा है?
भूमिका में आज फिर
निर्माण का संदेश भर कर
खंडहरों के गिरे साहस
को उठाता जा रहा है
कौन गाता जा रहा है?
फटा बनकर ज्योति–स्रावक
जोकि हिमगिरी की शिखा–सा
कौन गंगाधार–सा
अविरोध बढ़ता जा रहा है
कौन गाता जा रहा है?