अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ…
जल में भी थल में भी, चल में अचल में भी, अतल वितल में भी माँ!
अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ…
बड़ी अनोखी चमत्कारिणी, ये अपनी माई
राई को पर्वत कर सकती, पर्वत को राई
द्धार खुला दरबार खुला है, आओ बहन भाई
इस के दर पर कभी दया की कमी नहीं आई
पल में निहाल करे, दुःख का निकाल करे, तुरंत कमाल करे माँ!
अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ…
इस अम्बा में जगदम्बा में, गज़ब की है शक्ति
चिंता में डूबे हुय लोगो, कर लो इस की भक्ति
अपना जीवन सौंप दो इस को, पा लो रे मुक्ति
सुख सम्पति की दाता ये माँ, क्या नहीं कर सकती
बिगड़ी बनाने वाली, दुखड़े मिटाने वाली, कष्ट हटाने वाली माँ!
अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ…
गौरी सुत गणपति की बेटी, ये है बड़ी भोली
देख – देख कर इस का मुखड़ा, हर इक दिशा डोली
आओ रे भक्तो ये माता है, सब की हमजोली
जो माँगोगे तुम्हें मिलेगा, भर लो रे झोली
उज्जवल-उज्जवल, निर्मल-निर्मल सुन्दर-सुन्दर माँ!
अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ…
~ कवी प्रदीप
Movie: Jai Santoshi Maa (1975)
Actors: Kanan Kaushal, Bharat Bhushan, Ashish Kumar, Anita Guha
Singer: Mahendra Kapoor
Lyrics: Kavi Pradeep