प्रेरक हिंदी कविता: कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

प्रेरक हिंदी कविता: कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है।

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती: सोहनलाल द्विवेदी जी की प्रेरक हिंदी कविता

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

सोहनलाल द्विवेदी

यह कविता इस विवाद में रही है कि इसके रचियता ‘बच्चन‘ हैं या ‘निराला‘ लेकिन इसके वास्तविक रचनाकार हैं सोहनलाल द्विवेदी

आपको यह जानकर हर्ष होगा कि इस रचना के वास्तविक रचनाकर का पता लगाने के लिए हमारे प्रयास सफल रहे। अमिताभ बच्चन को ट्विटर के माध्यम से हमने इस बारे में सम्पर्क किया और उन्होंने ट्विटर व फेसबुक के माध्यम से इस बात की पुष्टि की कि यह रचना उनके ‘बाबूजी’ की न होकर ‘सोहनलाल द्विवेदी’ की ही है। अमिताभ बच्चन के ट्विटर व फेसबुक आप निम्न पृष्ठों पर देख सकते हैं:

  • https://twitter.com/srbachchan/status/19327863853
  • http://www.twitlonger.com/show/n_1snvpi8
  • https://www.facebook.com/AmitabhBachchan/posts/1153934214640366

Check Also

मां के हाथ का खाना: हिंदी बाल-कविता माँ के खाने के बारे में

मां के हाथ का खाना: हिंदी बाल-कविता माँ के खाने के बारे में

मां के हाथ का खाना कितना स्वादिष्ट होता है, यह तो हम सभी जानते हैंं। …

One comment

  1. This is a wrongly attributed Poem. It is penned by Shri Sohanlal Dwiwidi and not Shri Harivash Rai Bachchan.
    Just because Big B read it on TV does not make it as that of his “Babuji!
    It is a shame that such errors happen so openly in Social Media. A very sad affair of things. People should rectify their errors asap.