क्या करूँ अब क्या करूँ - राजीव कृष्ण सक्सेना

क्या करूँ अब क्या करूँ – राजीव कृष्ण सक्सेना

माम को मैं तंग करूँ
या डैड से ही जंग करूँ
मैं दिन रहे सोता रहूँ
फिर रात भर रोता रहूँ

पेंट बुक दे दो जरा तो
रंग कागज पर भरूँ
या स्काइप को ही खोल दो
तो बात नानी से करूँ

मैं बाल खीचूं माम के
की ले चलो बाहर मुझे
या झूल जाऊं मैं गले से
कोई ना पेपर पढ़े

दूध पीना मैं न चाहूँ
चाय मुझको दो जरा
या जूस भी पी जाऊँगा
पर लाल कप मे होे भरा

मैं मेज पर चढ़ कर खड़ा हूँ
कर रहे जोे छोड़ दो
देखो मुझे न गिर पड़ूँ
लो यह खिलौना जोड़ दो

बात सुन लो, मुझे देखो
सभी गर्दन मोड़ के
अब दौड़ कर मुझको उठा लो
गोद में सब छोड़ के

~ राजीव कृष्ण सक्सेना

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