क्यों प्रभु क्यों? - राजीव कृष्णा सक्सेना

क्यों प्रभु क्यों? – राजीव कृष्ण सक्सेना

मन मेरा क्यों अनमन
कैसा यह परिवर्तन
क्यों प्रभु क्यों?

डोर में, पतंगों में
प्रकृति रूप रंगों में
कथा में, प्रसंगों में
कविता के छंदों में
झूम–झूम जाता था,
अब क्यों वह बात नही
क्यों प्रभु क्यों?

सागर तट रेतों में
सरसों के खेतों में
स्तब्ध निशा तारों के
गुपचुप संकेतों में
घंटों खो जाता था
अब क्यों वह बात नही,
क्यों प्रभु क्यों?

रैनों की घातों में
प्रियतम की बातों में
अश्रुपूर्ण पलकों की
अंतिम सौगातों में
रोता हर्षाता था
अब क्यों वह बात नही
क्यों प्रभु क्यों?

साधु में, संतों में
मठों में, महंतों में
नतमस्तक पूजा में
मंदिर के घंटों में
जमता रम जाता था
अब क्यों वह बात नही,
क्यों प्रभु क्यों?

चिंतन की शामों में
बौद्धिक व्यायामों में
दर्शन के उलझे कुछ
अद्भुद आयामों में
झूलता–झुलाता था
अब क्यों वह बात नही
क्यों प्रभु क्यों?

मेझ में, फुहारों में
फूल में, बहारों में
मौसम के संग आते
जाते त्यौहारों में
मस्त मगन गाता था
अब क्यों वह बात नही,
क्यों प्रभु क्यों?

जग का यह रंगमंच
वेश नया धरता हूँ
त्याग पुरातन, लेकर
राह नई चलता हूँ
अंतर–संगीत नया
गीत नया गाता हूँ
बाध्य नही परिवर्तन
फिर भी अपनाता हूँ,
क्यों प्रभु क्यों?

~ राजीव कृष्ण सक्सेना

About Rajiv Krishna Saxena

प्रो. राजीव कृष्ण सक्सेना - जन्म 24 जनवरी 1951 को दिल्ली मे। शिक्षा - दिल्ली विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली में। एक वैज्ञानिक होने पर भी प्रोफ़ेसर सक्सेना को हिंदी सहित्य से विशेष प्रेम है। उन्होंने श्रीमद भगवतगीता का हिंदी में मात्राबद्ध पद्यानुवाद किया जो ''गीता काव्य माधुरी'' के नाम से पुस्तक महल दिल्ली के द्वारा प्रकाशित हुआ है। प्रोफ़ेसर सक्सेना की कुछ अन्य कविताएँ विभिन्न पत्रिकाओं मे छप चुकी हैं। उनकी कविताएँ लेख एवम गीता काव्य माधुरी के अंश उनके website www.geeta-kavita.com पर पढ़े जा सकते हैं।

Check Also

Sagittarius Horoscope - धनु राशि

Sagittarius Weekly Horoscope May 2025: Anupam V Kapil

Sagittarius Weekly Horoscope May 2025: Sagittarius has the symbol of ‘The Archer’. The people born under …