देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२
किस्मत का हैं नाम मगर, काम हैं ये दुनिया वालों का
फूँक दिया हैं चमन हमारे ख़्वाबों और खयालों का
जी करता हैं खुद ही घोंट दें, अपने अरमानों का गला
देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२
सौ-सौ सदियों से लम्बी ये ग़म की रात नहीं ढलती
इस अंधियारें के आगे अब ऐ दिल एक नहीं चलती
हँसते ही लुट गई चाँदनी, और उठते ही चाँद ढला
देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२
मौत हैं बेहतर इस हालत से, नाम हैं जिसका मजबूरी
कौन मुसाफ़िर तय कर पाया, दिल से दिल की ये दूरी
काँटों ही काँटों से गुज़रा, जो राही इस राह चला
देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२
लाखों तारे आसमां में, एक मगर ढूँढे ना मिला
देख के दुनिया की दिवाली, दिल मेरा चुपचाप जला –२
∼ हसरत जयपुरी
चित्रपट : हरियाली और रास्ता (१९६२)
गीतकार : हसरत जयपुरी
संगीतकार : शंकर जयकिशन
गायक : लता मंगेशकर, मुकेश
सितारे : मनोज कुमार, माला सिन्हा, शशिकला, ओम प्रकाश, हेलेन, जगदीप