लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह मकर संक्रान्ति के एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उल्लास रहता है। रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं। इस समय रेवड़ी, मूंगफली, लावा आदि खाए जाते हैं।
लो आ गयी लोहड़ी वे,
बना लौ जोड़ी वे,
कलाई कोई यू थामो, ना जावे छोड़ी वे,
ना जावे छोड़ी वे
छूठ ना बोली वे,
कुफर ना टोली वे,
जो तुने खायी थी कसमे, इक इक तोड़ी वे,
इक इक तोड़ी वे
लो आ गयी लोहड़ी वे,
बना लो जोड़ी वे…
तेरे कुर्बान जावा, तेरी मर्ज़ी जान जावा,
तोह हर बात मान जावा, तेरी सोनिये…
ओय-ओय-ओय तेरे कुर्बान जावा
तेनु मै जान-दिया, खूब पहचान-दिया,
मिलना जो मुझको हैगा तुझको, सुन ले कुछ गला मेरिया…
तेनु मै जान दिया, खूब पहचान दिया
ओय ओय ओय जींद मेरिये
हाय हाय हाय, जींद मेरेय
शाम होते ही नाल यारा दे रोज़ डा पीना…
डूबे सूरज तोह बंद वि डूबे, है ये कोई जीना,
बात चंगी, है ये तेरी, ध्यान रखांगा
आज पी लू, बूंद कल से, मै न चाखांगा
जो अब शाम होगी तोह सीधे घर जायेगे
तेरे कुर्बान जावा…
ओय रान्झ्ना, मेरे मखना, ओय ध्होलना, मेरे सजना
जींद मेरिये, ओय हीरिये, सोनिये हो
तेनु हर दिन, वेखदी हू, खेद-दे पत्ते
मुझसे प्यारे, तेनु पंजे, छिक्के ते सट्टे, क्यू?
ताश खेलूं, अब न होगी, ऐसी नादानी
अब तोह होंगे, दो ही पत्ते, राजा और रानी
जींद एय मेरी होगी तेरी, छड पत्तेया दी ढेरिया
तेनु मै जान दियां, खूब पहचान दिया
ओय ओय ओय जींद मेरिये
हाय हाय हाय, जींद मेरेय
लो आ गयी लोहड़ी वे,
बना लो जोड़ी वे,
कलाई कोई यू थामो, ना जावे छोड़ी वे,
ना जावे छोड़ी वे
झूठ ना बोली वे,
कुफर ना टोली वे,
जो तुने खायी थी कसमे, इक इक तोड़ी वे,
इक इक तोड़ी वे
कुछ मंगाऊ, याद तुमको रह नही पाए
लाना तोह था, एक परांदा, हलवा ले आये
पास अब ये, नोट बुक है, इस मे लिख लूगा
यानी अब जो, तुम मंगाओ, वोह ही लाऊगा
सुधारते सुधारते ही सुधर जायेगे,
तेरे कुर्बान जावा…
सोनिये, बलिये, जिंदिये, हीरिये
सजना, ढोलना, मखना, रान्झ्ना
चाहे बदलो या न बदलो, फिर भी मेरे हो
मै तोह चाहू, जब जनम लूं, तुम ही मेरे हो
हीरिये मै, हर जनम हू, तेरा ही जोगी
तू मेरी थी, तू मेरी है, तू मेरी होगी
हा तुम्हारे बिना ये किधर जायेगे
होनी अब पूरी, है ज़रूरी, मन दिया सद्रान तेरिया
तेनु मै जान-दिया, खूब पहचान-दिया
तेरे कुर्बान जावा…
हो लो आ गयी लोहड़ी वे
बना लो जोड़ी वे
कलाई कोई यू थामो, ना जावे छोड़ी वे
छूठ ना बोली वे,
कुफर ना टोली वे,
जो तुने खायी थी कसमे, इक इक तोड़ी वे
∼ जावेद अख्तर
चित्रपट: वीर ज़ारा (२००४)
गीतकार: जावेद अख्तर
संगीतकार: स्व. मदन मोहन, अपने बेटे संजीव कोहली द्वारा संशोधित
गायक: लता मंगेशकर, उदित नारायण, गुरदास मान
सितारे: अमिताभ बच्चन, शाहरुख़ खान, हेमा मालिनी, प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी, अनुपम खेर