मंगलमय हो नव वर्ष - बाबूलाल मधुकर

मंगलमय हो नव वर्ष: बाबूलाल मधुकर

मंगलमय हो नव वर्ष: बाबूलाल मधुकर – पूरे विश्व भर में अलग-अलग समय पर नए साल मनाया जाता है। इसी तरह भारत में भी अलग-अलग समय पर नव वर्ष मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार ही 1 जनवरी को नया साल मानते हैं। 31 दिसंबर की रात से ही लोग नए साल का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं। पुराने साल को अलविदा कह कर नए साल का स्वागत शुभकामनाओं के साथ किया जाता है। दिसंबर की बढ़ती सर्दियों के बाद नए साल का आगमन होता है। आप हमारे इस पेज से नए साल पर कविता प्राप्त कर सकते हैं। Poem on New Year in Hindi का उपयोग बच्चों के द्वारा, उनके स्कूल में कविता प्रतियोगिता में किया जा सकता है। नए साल के अवसर पर लोग एक दुसरे को मैसेज, निबंध, शायरी इत्यादि के माध्यम से शुभकामनाएं भेजते हैं और ये कामना करते हैं की आने वाला नया साल उनके लिए शुभ हो। नए साल पर कविता हिंदी में इस पेज से प्राप्त करें।

मंगलमय हो नव वर्ष: बाबूलाल मधुकर

मंगलमय हो नव वर्ष तुम्हारा
प्राणों से बढ़कर यह क्षण है
नित नूतन मृदु साज मदन है
भावों के उर्मिल सागर में
बिंबित है छवि चित्र तुम्हारा
मंगलमय ….

उर सहकार सुघर पुष्पित हो
देह लता तब आलिंगित हो
गुँजे मधुकर के मधुरव में
हँसे हृदय का छंद तुम्हारा
मंगलमय ….

नई चेतना भाव अमर हों
नव उछाह का राग सुघर हो
जीवन के हर प्रात क्षितिज पर
उषा तिलक दे शीर्ष तुम्हारा
मंगलमय ….

∼ Hindi poem by ‘बाबूलाल मधुकर

अंग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को नए साल के रूप में मनाया जाता है। शुभकामनायें, ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट का आदान-प्रदान शुरू हो जाता है। लोग इस दिन घूमने जाते हैं और तरह तरह के सेलिब्रेशन करते हैं। लोग समूहों में इकट्ठा होकर नए साल का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं। नया साल हमेशा हम सब को आगे बढ़ते रहने की सीख देता है।

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