मास्टरजी की आ गयी चिट्ठी - गुलज़ार

मास्टरजी की आ गयी चिट्ठी: गुलज़ार

दिन ताका ताका दिन

अ आ इ ई, अ आ इ ई
मास्टरजी की आ गई चिट्ठी
चिट्ठी में से निकली बिल्ली
चिट्ठी में से निकली बिल्ली

Uttam Kumar as Masterjiबिल्ली खाय ज़र्दा पान
काला चश्मा पीली कान

आहा अ आ इ ई, अ आ इ ई
मास्टरजी की आ गई चिट्ठी
चिट्ठी में से निकली बिल्ली
चिट्ठी में से निकली बिल्ली

दिन ताका ताका दिन

कान में झुम्का, नाक में बत्ती
हाथ में जैसे अगरबत्ती
नहीं मगरबत्ती, अगरबत्ती, मगरबत्ती, अगर मगरबत्ती
अगर हो बत्ती कछुआ छाप
आग पे बैठा पानी ताप
ताप चढ़े तो कम्बल तान
वी आई पी, वी आई पी अंडरवियर बनियान

दिन ताका ताका दिन

अ आ इ ई, अ आ इ ई
मास्टरजी की आ गई चिट्ठी
चिट्ठी में से निकला मच्छर
चिट्ठी में से निकला मच्छर

मच्छर की दो लम्बी मूँछें
मूँछ पे बांधे दो दो पत्थर
पत्थर पे एक आम का झाड़
मूँछ पे लेकर चला पहाड़
पहाड़ पे बैठा बूढ़ा जोगी
जोगी की एक जोगन होगी
गठरी में लागा चोर
मुसाफ़िर देख चाँद की ओर
पहाड़ पे बैठा बूढ़ा जोगी
जोगी की एक जोगन होगी
जोगन कूटे कच्चा धान
वी आई पी, वी आई पी अंडरवियर बनियान

दिन ताका ताका दिन

अ आ इ ई, अ आ इ ई
मास्टरजी की आ गई चिट्ठी
चिट्ठी में से निकला चीता
चिट्ठी में से निकला चीता
थोड़ा काला थोड़ा पीला
चीता निकला है शर्मीला
थोड़ा-थोड़ा काला थोड़ा-थोड़ा पीला
चीता निकला है शर्मीला
अरे वा वा चाल देखो
घुंघट डाल के चलता है
मांग में सिंदूर भरता है
माथे रोज़ लगाये बिंदी
इंग्लिश बोले मतलब हिंदी
इफ अगर इज़ है बट पर व्हाट मतलब क्या
माथे रोज़ लगाये बिंदी
इंग्लिश बोले मतलब हिंदी
हिंदी में अलजेब्रा चान
वी आई पी अंडरवियर बनियान
सावधान!

∼ गुलज़ार

चित्रपट : किताब (१९७७)
निर्माता : प्राणलाल मेहता, गुलज़ार
निर्देशक, लेखक : गुलज़ार
गीतकार : गुलज़ार
संगीतकार : आर. डी. बर्मन
गायक : पद्मिनी कोल्हापुरी, शिवांगी कोल्हापुरी
सितारे : मास्टर राजू , मास्टर टिटो, उत्तम कुमार, विद्या सिन्हा, श्रीराम लागू, केष्टो मुख़र्जी, असित सेन, दीना पाठक

Synopsis

Babla (Master Raju) is a kid who lives in a village with his mother (Dina Pathak). His mother sends him to his sister’s (Vidya Sinha) place (in a city) so that he can go to a good school. Initially, Babla likes both school as well as his sister’s home very much and becomes a good friend with Pappu (Master Tito), his classmate. They roam around in streets, watch street magic shows and wish they could do such tricks, look inquisitively at how sweets are made, make fun of teacher, etc. They enjoy all these things thoroughly. But Babla gets reminded of the harsh reality of life when his sister and brother-in-law start scolding him for his disinterest in studies and complaints from the school regarding his so-called irresponsible behavior (like making fun of teachers, singing in the classroom, etc.). He gets to realize that nobody understands kids, their innocence, their view of life and he will have to grow up to enjoy life fully.

One day Babla decides that he will be better off living with his mother in village. He runs off and get on a train. Since he does not have a ticket, the ticket-master catches him and makes him get off on the next station. In the night he feels cold and looks around for shelter. He finds an old woman sleeping in a blanket and lies down besides her sharing the blanket. In the morning, finding the old woman still sleeping, he picks up a coin from her container and goes off to drink water. While drinking water he sees that lot of people have gathered around the old lady. He goes there and finds out that the lady he had been sleeping with was dead. He gets scared to his core and realizes that life is, in fact, not that simple for those who are poor. He puts back the coin he had taken and runs off to his mother’s place. There he finds his mother, sister and brother-in-law worrying about him. They are overjoyed to see Babla back and Babla promises to everyone that he will study sincerely and never create trouble for anyone.

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