उछल-उछल कर पानी में।
कभी किसी को धक्का देते,
होते जब शैतानी में।
तभी मेंढकी डांट पिलाती,
कहती “माफ़ी माँगो जी”।
“धक्का दिया किया ऊधम क्यों?
दूर यहाँ से भागो जी।”
मेंढक मामा रोने लगते,
मिलती उनको माफ़ी तब।
उन्हें मेंढकी चुप करने को,
तुरंत खिलाती टॉफी तब।