मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन छह वर्ष की उम्र में कविता लिखने लगे थे। बचपन में ही मौत का दंश झेलने वाले गुलशन के गीतों में दर्द छलकता रहा। लोग इसमें डूबते रहे। विभाजन के बाद दिल्ली आकर यहां स्नातक की पढ़ाई की। इसके बाद मुंबई में गए और वहां संघर्ष शुरू हुआ। रेलवे में लिपिक की नौकरी की लेकिन मन गीतों में ही डूबा रहा। फिल्मों में शुरुआती दौर में भटकन ही मिली। हौसला नहीं हारा।
गुलशन की मुलाकात कल्याण जी-आनंद जी से हुई, जिनके संगीत निर्देशन में “सट्टा-बाजार” के लिये गीत लिखा जिसे सुनकर फिल्म वितरक शांतिभाई दबे काफी प्रसन्न हुए। शांति भाई गुलशन की प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने ही पहली बार गुलशन को बावरा बनाया। करीब 7 सालों के संघर्ष के बाद गुलशन की किस्मत का दरवाजा खुला।
उन्हें मनोज कुमार की फिल्म “उपकार” के गीतों को लिखने का मौका मिला। फिल्म देशभक्ति पर आधारित थी। काफी सुपरहिट रही। बावरा भी इस फिल्मों के गीतों की वजह से बॉलीवुड में चर्चित हो गए। गुलशन ने “मेरे देश की धरती सोना उगले उगले” गीत जब मनोज कुमार को गाकर सुनाया तो मनोज कुमार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
उपकार के अलावा गुलशन कुमार ने जंजीर, पवित्र पापी, विश्वास, सत्ते पे सत्ता आदि फिल्मों के गीत लिखे। उन्हें उपकार और जंजीर के लिए दो बार फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला। गुलशन बावरा का 7 अगस्त 2009 को निधन हो गयाा।
मेरे देश की धरती सोना उगले: गुलशन बावरा
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती… [Title Stanza]
बैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुसकाते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यों लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे
[Repeat Title Stanza]
जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नही हैं सब पे माँ उपकार तेरा
[Repeat Title Stanza]
ये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगत सिंह रंग अमन का वीर जवाहर से
[Repeat Title Stanza]
∼ गुलशन बावरा
चित्रपट: उपकार (१९६७)
निर्माता: हरकिशन आर. मीरचंदानी
निर्देशक: मनोज कुमार
लेखक: मनोज कुमार
गीतकार: गुलशन बावरा
संगीतकार: कल्याणजी आनंदजी
गायक: महेंद्र कपूर
सितारे: मनोज कुमार, आशा पारेख, प्राण, प्रेम चोपड़ा
गुलसन बावरा न केवल अच्छे गीतकार थी, बल्कि एक अच्छे कलाकार भी थे…