मेरे पापा मेरे अपने: सवा चार साल की मेरी धेवती, सुरभि 19 अप्रैल 22, को अपने पिता के मृत शरीर को देख रही थी और अनेकानेक सगे संबंधियों का रुदन देख रही थी और गंभीरता पूर्वक जो दुखद घटना घटी, उन सब की बातें सुन रहीं थी। उसके अत्यंत कोमल पूछताछ का ताना बाना है, यह शोकगीत। सुरभि का कहना था कि रात को सफर न करते, हेलमेट पहन लेते दि, फोन से अपने पापा से बात करने का मन, …
प्रिय जनों की क्षति पर सब ही को घोर विलाप दीर्घ काल तक टीसता है!
मेरे पापा मेरे अपने: क्षेत्रपाल शर्मा
ईश्वर तेरे खेल निराले
मेरे पापा, मेरे वाले॥
आसमान से नंबर ले लो
मेरी उनसे बात करा दो
वह जरूर ही बात करेंगे
उनको मेरी खबर जरा दो
गंदे नाले वाली सडक पर
टैन्कर टक्कर मार गया
नहीं रहे अब पापा मेरे
और, समय जब हार गया
मेरी उनसे बात कराओ
रात गये न चला करें
अगर सडक पर बचना है
तो हेल्मेट पहना करें
थप्पड़ उनने मारा मेरे
सो मैं नाराज हुई
पापा प्यार बहुत करते थे
ये भी कैसी बात हुई
नहीं भूलना मैंने उनको
मेरी फोन से बात कराओ
चलो चलो, इतना ही कर दो
उनकी फोटो मुझे दिखाओ
तान्या, ताऊजी है मेरे
रोएं रोज मेरे घर वाले
पापा मेरे नहीं है रहे अब
मेरे पापा, मेरे वाले॥