हेलो, मैं रंगून से बोल रहा हूँ
मैं अपनी बीबी रेणुका देवी से बात करना चाहता हूँ
मेरे पिया
ओ मेरे पिया गए रंगून
किया है वहाँ से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए
हुई भूल जो तुमको साथ न लेकर आये
हम बरमा की गलियों में और तुम हो देहरादून
तुम्हारी याद सताती है…
मेरी भूख प्यास भी खो गयी ग़म के मारे
में अधमुई सी हो गई ग़म के मारे
तुम बिन साजन, जनवरी फरवरी बन गए मई और जून
तुम्हारी याद सताती है…
अजी तुमसे बिछड़ के हो गए हम सन्यासी
खा लेते हैं जो मिल जाए, रुखी सुखी बासी
अजी लुंगी बाँध के करें गुज़ारा भूल गए पतलून
तुम्हारी याद सताती है…
∼ राजेंद्र कृष्ण
चित्रपट: पतंगा (१९४९)
निर्देशक: हरनाम सिंह रवैल
गीतकार: राजेंद्र कृष्ण
संगीतकार: सी. रामचन्द्र
गायक: शमशाद बेगम, सी. रामचन्द्र
सितारे: निगार सुल्ताना, श्याम, गोपी कृष्ण, पूर्णिमा, राजेंद्र नाथ