रेशमी जिस्म थरथराते है, मारामारी ख्वाब गुनगुनाते है
धड़कनो मे सुरूर फैला है, रंग नजदीक-ओ-दूर फैला है
दावाता-ये-इश्क दे रही है फजा
आज हो जा किसी हसी पे फ़िदा
के मोहब्बत बड़े काम की चीज है काम की
मोहब्बत के दम से है दुनिया की रौनक
मोहब्बत ना होती तो कुछ भी ना होता
नजर और दिल की पनाहो की खातिर
ये जन्नत ना होती तो कुछ भी ना होता
यही एक आराम की चीज है
किताबो मे छपते है चाहत के किस्से
हकीकत की दुनिया मे चाहत नही है
जमाने के बाजार मे ये वो शय है
के जिस की किसी को जरुरत नही है
ये बेकार, बेदाम की चीज है
ये कुदरत के आराम की चीज है
ये बस नाम ही नाम की चीज है
मोहब्बत से इतना खफा होने वाले
चल आ आज तुज को मोहब्बत सिखा दे
तेरा दिल जो बरसो से वीरान पडा है
किसी नाजनीनान को इस मे बसा दे
मेरा मशवरा काम की चीज है
∼ साहिर लुधियानवी
चित्रपट: त्रिशूल (१९७७)
निर्माता: गुलशन राय
निर्देशक: यश चोपड़ा
लेखक: सलीम – जावेद
गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: ख़य्याम
गायक: लता मंगेशकर, किशोर कुमार, येसुदास
सितारे: अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, शशि कपूर, राखी, हेमा मालिनी, पूनम ढिल्लों