ऊँचे आले पर जब छोटे
हाथ नहीं जा पाये
खींच खींच कर अपनी छोटी
चौकी ले आये।
पंजो के बल उसपर चढ़कर एड़ी भी उचकाई,
मुन्ना ने आले पर राखी शीशी तोड़ गिराई।
हाथ पड़ा शीशी पर आधा
खींचा उसे पकड़ कर
वहीँ गिरी वह आले पर से
इधर उधर खड़बड़ कर।
शीशी तोड़ी कांच बिखेरा सारी दवा बहाई,
मुन्ना ने आले पर राखी शीशी तोड़ गिराई।
पर कहते हैं शुभ होता है
भरी दवा गिर जाना
रोग स्वंय अच्छा होने का
यह भी एक बहाना।
मुन्ना की हर शैतानी में होती कुछ अच्छाई,
मुन्ना ने आले पर राखी शीशी तोड़ गिराई।