नारी तुझे सलाम: महिला दिवस के सन्दर्भ में हिंदी कविता – दुनिया भर में हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस के नाम से ही जाहिर है कि ये दिन महिलाओं को समर्पित है। महिला दिवस के बहाने हम देश-दुनिया की ऐसी महिलाओं को याद करते हैं जिन्होंने वैश्विक पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। इस खास दिन को मनाने का मकसद उन महिलाओं की उपलब्धियों, उनके जज्बे, उनकी ऐतिहासिक यात्राओं और उनके जीवन को याद करना हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास एक सदी से भी पुराना है। पहली बार साल 1911 में महिला दिवस मनाया गया था। इस दिन को लेकर लोगों का नजरिया अलग-अलग है। कुछ लोग इस दिन को मनाने का कारण नारीवाद को मानते हैं। हालांकि, इसकी जड़ें श्रमिक आंदोलन से जुड़ी हुई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा चयनित राजनीतिक और मानव अधिकार को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के राजनीतिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए ये दिन मनाया जाता है।
प्रसिद्ध जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा ज़ेटकिन के प्रयास के चलते इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस ने साल 1910 में महिला दिवस के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप और इस दिन पब्लिक हॉलिडे को सहमति दी थी। इसके बाद 19 मार्च, 1911 को पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित मनाया गया। हालांकि महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में बदलकर 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है।
नारी तुझे सलाम: हिंदी कविता
इश्क में तू जुनून में तू
कोयल के कुहु में तू
माँ भी तू ममता भी तू
अदम्य साहस की क्षमता भी तू
कला में तू विज्ञान में तू
देश के निरंतर उत्थान में तू
संसार में तू सर-हद पार में तू
आधुनिक विमर्श-विचार में तू
लक्ष्मी भी तू सरस्वती भी तू
असंख्य रूप पार्वती की तू
कोई न तुझे थमा पाए
पंख फैलाए उड़ान भरती जाए
ऐ नारी, तुझे सलाम,
तेरे चरणों को साष्टांग प्रणाम।
~ Anonymous
8 मार्च को आप भी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियों में लगे होंगे। अब तक कुछ लोगों को मैसेज भी भेज दिया होगा और कुछ बहुत ख़ास लोगों को फ़ोन करके बधाई भी दे दी होगी।
लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है और ये मनाना कब शुरू हुआ? क्या ये वाकई कोई समारोह है या कुछ और…?
सालों से दुनियाभर के लोग आज के दिन महिला दिवस मनाते आ रहे हैं लेकिन ये सब शुरू कैसे हुआ?
कब शुरू हुआ महिला दिवस?
दरअसल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक मज़दूर आंदोलन से उपजा है। इसका बीजारोपण साल 1908 में हुआ था जब 15 हज़ार औरतों ने न्यूयॉर्क शहर में मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों की मांग की थी।
इसके अलावा उनकी मांग थी कि उन्हें बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान करने का अधिकार भी दिया जाए। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया।
इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का आइडिया आया कहां से?
ये आइडिया एक महिला का ही था. क्लारा ज़ेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया। उस वक़्त कॉन्फ़्रेंस में 17 देशों की 100 महिलाएं मौजूद थीं। उन सभी ने इस सुझाव का समर्थन किया।
सबसे पहले साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। लेकिन तकनीकी तौर पर इस साल हम 109वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं।
1975 में महिला दिवस को आधिकारिक मान्यता उस वक्त दी गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मनाना शुरू किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहली थीम थी ‘सेलीब्रेटिंग द पास्ट, प्लानिंग फ़ॉर द फ्यूचर‘।
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