हिंदूवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वीर रस कविता: गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं और वर्तमान समय में देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से हैं। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) पर भी वे सबसे ज्यादा फॉलोअर वाले भारतीय नेता हैं। उन्हें ‘नमो’ नाम से भी जाना जाता है। TIME पत्रिका ने मोदी को पर्सन ऑफ़ द ईयर 2013 के 42 उम्मीदवारों की सूची में शामिल किया है।
मोदी की चिंता मत करो, अपनी और अपनी आने वाली पिढीयौ की चिंता करो,
ये आखिरी मौका है, फिर कोई “नरेन्द्र मोदी जेसा हिंदुवादी शासक” नहीं मिलेगा।
हिंदूवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वीर रस कविता
राणा के भाले डोले हैं,
यूँ लगता है चीख चीख कर,
वीर शिवाजी बोले हैं,
पुरखों का बलिदान, घास की,
रोटी भी शर्मिंदा है,
कटी जंग में सांगा की,
बोटी बोटी शर्मिंदा है,
खुद अपनी पहचान मिटा दी,
कायर भूखे पेटों ने,
टोपी जालीदार पहन ली,
हिंदुओं के बेटों ने,
सिर पर लानत वाली छत से,
खुला ठिकाना अच्छा था,
टोपी गोल पहनने से तो,
फिर मर जाना अच्छा था,
मथुरा अवधपुरी घायल है,
काशी घिरी कराहों से,
यदुकुल गठबंधन कर बैठा,
कातिल नादिरशाहों से,
कुछ वोटों की खातिर लज्जा,
आई नही निठल्लों को,
कड़ा-कलावा और जनेऊ,
बेंच दिया कठमुल्लों को,
मुख से आह तलक न निकली,
धर्म ध्वजा के फटने पर,
कब तुमने आंसू छलकाए,
गौ माता के कटने पर,
लगता है पूरी आज़म की,
मन्नत होने वाली है,
हर हिन्दू की इस भारत में,
सुन्नत होने वाली है,
जागे नही अगर हम तो ये,
प्रश्न पीढियां पूछेंगी,
गन पकडे बेटे, बुर्के से,
लदी बेटियाँ पूछेंगी,
बोलेंगी हे आर्यपुत्र,
अंतिम उद्धार किया होता,
खतना करवाने से पहले
हमको मार दिया होता
सोते रहो सनातन वालों,
तुम सत्ता की गोदी में,
देखते रहो बस तुम,
गलतियाँ अपने मोदी में,
पर साँस आखिरी तक भगवा की,
रक्षा हेतु लडूंगा मैं,
शीश कलम करवा लूँगा पर,
कलमा नही पढूंगा मैं।