नव वर्ष की अभिलाषा: प्रतिमा पाण्डेय – ऐसे तो अलग अलग दिनों पर पूरी दुनिया में नया साल मनाया जाता है। हमारे देश में विभिन्न क्षेत्रों में अलग अलग वक़्त पर नए साल की शुरुआत होती है। लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 31 दिसंबर को साल का अंत होने के बाद 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत होती है और यह पुरे भारत के अलावा पूरी दुनिया के लोगो के द्वारा मनाया जाता है। नया साल पुरानी चीज़ों को पीछे छोड़कर एक नयी शुरुआत करने का समय होता है। भारत में रहने वाले हर धर्म के लोगो के द्वारा नए साल पर तैयारियां की जाती है।
नव वर्ष की अभिलाषा: प्रतिमा पाण्डेय
नव वर्ष की नई अभिलाषा,
पूरी हो हर जन की आशा।
घृणा द्वेष ना पनपे मन में,
हँसी खुशी छा जाए मन में।
भूखा नंगा रहे ना कोई,
द्वेष राग से मरे ना कोई।
सहनशीलता को अपनाएँ,
निरक्षरता हम दूर भगाएँ।
ऋषियों वेदों का देश हमारा,
सत्य अहिंसा अपना नारा।
खाए और खाने दे सबको,
जीये और जीने दे सबको।
दुनिया को हम स्वर्ग बनाएँ,
ज्ञान से हम विकास कर पाए।
शांति फैले इस धरती पर,
युद्ध ना हो अब इस धरती पर।
यही कामना नए वर्ष में,
शुभ शुभ हो सब नए वर्ष में।
∼ “नव वर्ष की अभिलाषा” Hindi poem by ‘प्रतिमा पाण्डेय’
नए साल पर जानकारी
नया साल अपने साथ नयी उम्मीदें , नए लक्ष्य, नए वादे, नए सपने लेकर आता है। लोग अपने आप से कुछ नए वादे करते हैं और ये कोशिश करते हैं की उन वादों को आनेवाले साल में पूरा कर सके। ऐसा माना जाता है की अगर नए साल का पहला दिन अच्छा और ख़ुशी से बीते तो आनेवाला पूरा साल सुखपूर्वक बीतता है। लोग अपना एक लक्ष्य तय करते हैं की वे आने वाले नए साल में क्या क्या नयी चीज़े करेंगे। नए साल पर भारत में लोग मंदिर जाते हैं, पूजा पथ करते हैं और कई लोग अपने करीबी दोस्तों के साथ मिलकर पार्टियां करते हैं।
नए साल में लोग नए जोश के साथ नयी चीज़ों की शुरुआत। लोग पिकनिक पर जाते हैं हुए अपने परिवार के साथ ख़ुशी के कुछ पल बिताते हैं। बच्चों में तो नए साल का उत्साह देखते ही बनता है। इस अवसर पर कई स्थानों पर पार्टी का आयोजन किया जाता है। लोग नाचते गाते हैं और लज़ीज़ व्यंजनों के साथ मज़ेदार खेलों का भी आयोजन करते हैं। नए साल की शुरुआत सभी लोग अपने अपने हिसाब से ख़ुशी ख़ुशी करते हैं। इन सब समारोहों का आयोजन बीते हुए साल को हँसते हँसते विदा करने और नए साल का स्वागत करने के लिए किया जाता है।