नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी – भारत में नव वर्ष का आयोजन सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग दिनों में मनाते है लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण ज्यादातर लोग अब 1 जनवरी को भी नव वर्ष का आयोजन करते है। हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यानी गुड़ी पड़वा पर हर साल चीनी कैलेंडर के अनुसार प्रथम मास का प्रथम चन्द्र दिवस नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। पंजाब में नया साल बैशाखी पर्व पर मनाया जाता है। तेलगु नया साल मार्च-अप्रैल के बीच आता है, आंध्रप्रदेश में इसे उगादी के रूप में मनाते है यह चैत्र महीने का पहला दिन होता है। इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है।
भारत में नव वर्ष के शुभ अवसर पर कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम किए जाते है, इस दिन सभी लोग अपने परिचितों और रिश्तेदारों को बधाई संदेश देते है। अपने घरों की विशेष तौर पर साफ सफाई करते हैं हिंदू लोग अपने घरों पर भगवा पताका फहराते है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर भजन गाए जाते है और विशेष प्रार्थनाएं की जाती है। कहीं-कहीं पर विशाल शोभायात्रा, कवि सम्मेलन, भजन संध्या, कलश यात्रा इत्यादि का आयोजन भी किया जाता है। कुछ लोग अपने नव वर्ष के पहले दिन की शुरुआत नेक कार्य से करने के लिए रक्तदान करते है गौशाला में गायों को खाना खिलाते है और अन्य जरूरतमंद की सहायता भी करते है।
नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी
नया साल आएगा
फिर से
आशा की
नई किरणों को सजा कर।
इस बार
उन सुनहरी किरणों में
नव वर्ष की
शुरुआत
चलो मिल कर करें
एक बार फिर से।
दृढ संकल्प
शिक्षा का प्रचार करने का
गरीबी दूर भगाने का
बेरोज़गारी मिटाने का
समानता को धराताल पर लाने का
भाइचारे की भावना को
पुन: बीजारोपित करने का।
विश्वबंधुत्व को आत्मसात करने की
चेष्टा में
कदम से कदम मिलाकर
लक्ष्य पाने की दिशा में
प्रयत्नशील हों।
इन्हें
वास्तविकता में
लाने की
प्रतिज्ञा के साथ।