नया साल मुबारक – घनश्याम दास आहूजा

Naya Saal Mubarak

मेरे दोस्तों मेरे अज़ीज़ों तुमको,
ये नया साल मुबारक।
बीते वर्ष को छोड़ो यारों,
आया है नया काल मुबारक।
खुशी के इस अवसर पर वाद्ययंत्रों की,
मधुर ताल मुबारक।
खिंच कर चले आए परिवार छोड़,
परदेस ने बुना वो जाल मुबारक।
उठो भई रिंग करो घर पे लेन-देन हो,
खुशियों का अहवाल मुबारक।
रानी बिटिया राजा बेटे के थपथपाओ,
प्यार से फ़ोन पर तुम गाल मुबारक।
वीडियों फैशन और हालीवुड चेनल पर,
सुंदर बालाओं की चाल मुबारक।
बाइस वर्षों के बाद आस्ट्रेलिया पर विजय,
खुशी का थाल मुबारक।
बनती है जो प्रतिदिन बिना नागा,
कैंटीन की दाल मुबारक।
दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा,
पहनी है शेरों जैसी खाल मुबारक।
ग़म की परछाइयाँ भी छूने न पाएँ,
रहे सबका ही चंगा हाल मुबारक।
आओ हम सब मिल कर नाचें,
नहीं चलेगी बहाने की ढाल मुबारक।
इतराते रहो अपने कालों पर,
हमको तो ये सफ़ेद बाल मुबारक।
थोड़ा भी आनंदित किया हो तो,
आप सबको राजस्थान का यह लाल मुबारक।

∼ घनश्याम दास आहूजा

Check Also

Maha Kumbh 2025: क्या होता है अखाड़ा और कौन से हैं भारत के प्रमुख अखाड़े

Maha Kumbh and Akhada: क्या होता है अखाड़ा और कौन से हैं भारत के प्रमुख अखाड़े

Maha Kumbh and Akhada 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में 13 जनवरी से महाकुंभ …