निर्वाण षटकम् – आदि शंकराचार्य

मनोबुद्धय्हंकार चित्तानि नाहं
श्रोत्रजिव्हे न च घ्राणनेत्रे
न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥1॥

मैं न तो मन हूं‚ न बुद्धि‚ न अहांकार‚ न ही चित्त हूं
मैं न तो कान हूं‚ न जीभ‚ न नासिका‚ न ही नेत्र हूं
मैं न तो आकाश हूं‚ न धरती‚ न अग्नि‚ न ही वायु हूं
मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।

न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायुः
न वा सप्तधातुः न वा पंचकोशः
न वाक्पाणिपादं न चोपस्थपायु
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥2॥

मैं न प्राण चेतना हूं‚ न ही ह्यशरीर को चलाने वालीहृ पञ्च वायु हूं
मैं न ह्यशरीर का निर्माण करने वालीहृ सात धातुएं हूं‚ और न ही ह्यशरीर केहृ पाँच कोश
मैं न वाणी हूं‚ न हाथ हूं‚ न पैर‚ न ही विसर्जन की इंद्रियां हूं
मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।

न मे द्वेषरागौ न मे लोभ मोहौ
मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः
न धर्मो न चार्थोन कामो न मोक्षः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥3॥

न मुझे किसी से वैर है‚ न किसी से प्रेम‚ न मुझे लोभ है‚ न मोह
न मुझे अभिमान है‚ न ईष्र्या
मैं धर्म‚ धन‚ लालसा एवं मोह से परे हूं
मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।

न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं
न मन्त्रो न तीर्थो न वेदा न यज्ञः
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥4॥

मैं पुण्य‚ पाप‚ सुख और दुख से विलग हूं
न मैं मंत्र हूं‚ न तीर्थ‚ न ज्ञान‚ न ही यज्ञ
न मैं भोजन हूं‚ न ही भोगने योग्य हूं‚ और न ही भोक्ता हूं
मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।

न मे मृत्युशंका न मे जातिभेदः
पिता नैव मे नैव माता न जन्म
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यं
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥5॥

न मुझे मृत्यु का डर है‚ न जाति का भय
मेरा न कोई पिता है‚ न माता‚ न ही मैं कभी जन्मा था
मेरा न कोई भाई है‚ न मित्र‚ न गुरु‚ न शिष्य
मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।

अहं निर्विकल्पो निराकार रूपो
विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगत नैव मुक्तिर्न मेयः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥6॥

मै निर्विकल्प हूं‚ निराकार हूं
मैं विचार विमुक्त हूं‚ और सर्व इंद्रियों से पृथक हूं
न मैं कल्पनीय हूं‚ न आसक्ति हूं‚ न ही मुक्ति हूं
मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।

∼ आदि शंकराचार्य

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