ओमप्रकाश बजाज की बाल-कविताओं का संग्रह

बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज

जेबकतरे: ओमप्रकाश बजाज

हर भीड़-भाड़ वाले स्थान पर,
अक्सर जेबकतरे होते हैं।
पलक झपकते ही वे आपकी,
जेब साफ़ कर देते हैं।

देखते ही देखते काफी बड़ा,
नुक्सान हो जाता है।
कैसे-क्या-क्यों हो गया,
इंसान समझ ही नहीं पाता है।

रेलवे की, बस की, सिनेमा की,
टिकट खिड़की पर तथा
गाड़ी बस में चढ़ते-उतरते हुए
होशियार रहना जरुरी है।

चेन झपटने मोबाइल छीनने,
वालों से भी सजग रहना,
आजकल बहुत ही जरूरी है।

ओमप्रकाश बजाज

आपको ओमप्रकाश बजाज जी की यह कविता “जेबकतरे” कैसी लगी – आप से अनुरोध है की अपने विचार comments के जरिये प्रस्तुत करें। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी है तो Share या Like अवश्य करें।

यदि आपके पास Hindi / English में कोई poem, article, story या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें। हमारी Id है: submission@sh035.global.temp.domains. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ publish करेंगे। धन्यवाद!

Check Also

English Poem about Thanksgiving: The Pumpkin

The Pumpkin: English Poem to read on Thanksgiving Day Festival

The Pumpkin: John Greenleaf Whittier uses grandiose language in “The Pumpkin” to describe, in the …